"आनंद डोह ... "
आम्हा श्रेष्ठत्वाचा कधीच नाही मोह, चार ओळीने व्यापतो आमचा "आनंद डोह ..."
Saturday, November 12, 2011
तेरी यादके सिवा याद करनेके लिये दुनियामे है ही क्या ...
ये मै बस सोचही रहा था.....
के फिर तेरी याद आ गयी ...
----- विशाल
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