"आनंद डोह ... "
आम्हा श्रेष्ठत्वाचा कधीच नाही मोह, चार ओळीने व्यापतो आमचा "आनंद डोह ..."
Monday, December 12, 2011
आहमे आग दहके फिर कहना दिल टूटा है...
दिलमे लोहा पिघले फिर कहना दिल टूटा है...
आना जाना आंखसे पानी यू तो लगा ही रहता है
जब अश्कसे खून निकले फिर कहना दिल टूटा है...
---- विशाल
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