Tuesday, August 16, 2011

दोस्त दोस्त ना रहा.


दोस्त दोस्त ना रहा
प्यार प्यार ना रहा
ज़िंदगी हमें तेरा
ऐतबार ना रहा, ऐतबार ना रहा

अमानतें मैं प्यार की
गया था जिसको सौंप कर
वो मेरे दोस्त तुम ही थे
तुम्हीं तो थे..
जो ज़िंदगी की राह मे
बने थे मेरे हमसफ़र
वो मेरे दोस्त तुम ही थे
तुम्हीं तो थे..
सारे भेद खुल गए
राज़दार ना रहा
ज़िंदगी हमें तेरा
ऐतबार ना रहा, ऐतबार ना रहा

गले लगी सहम सहम 
भरे गलेसे बोलती 
वो तुम न थी तो कौन था 
तुम्ही तो थी ..
सफर के वक्त मे पलकसे 
मोतीयोको तोलती 
वो तुम न थी तो कौन था 
तुम्ही तो थी ..
नशे की रात ढल गयी
अब खुमार ना रहा
ज़िंदगी हमें तेरा
ऐतबार ना रहा, ऐतबार ना रहा

वफा का लेके नाम जो 
धडक रहे थे हर घडी  
वो मेरे नेक नेक दिल
तुम्ही तो हो..
Mukesh
जो मुस्कुराके रह गये 
जहर की जब सुई गढी
वो मेरे नेक नेक दिल
तुम्ही तो हो..
अब किसीका मेरे दिल 
इंतजार न रहा
जिंदगी हमे तेरा 
ऐतबार न रहा ऐतबार न रहा 

दोस्त दोस्त ना रहा.. 
प्यार प्यार ना रहा.. 
--- संगम (1964)(शैलेंद्र)

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