Thursday, August 18, 2011

बस तनहाई है

जाओ ऐसे की इस जान पे बन आई है
बिन तेरे दुनिया न दुनिया के बस तनहाई है 

तू क्या बरासाएगा शोला- ए-अदा ए कातील
अब तो जल जाने की हमने ही कसम खायी है 

तुझसे हो के जुदा क्या खाक जिंदगानी है 
इसलिये जिंदा है के मौत नही आई है 

----- विशाल 

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