रगोमे खून है गरम, जानमे दम बाकी है
कर ले पुरे तू तेरे जो भी सितम बाकी है ..
टुटे पैमाने के मयखाने सभी छुट गये
कैसे छलकाये भला दिल मे जो गम बाकी है ..
लुटके मुझसे मुझे दिल नही भरा शायद
लुटेरे और कितने रहमोकरम बाकी है ..
नही वो सामने पर दिलसे निकाले कैसे ?
कहे ये लोग क्यू पागल.. क्या वहम बाकी है ?..
देखके मुझको तेरी आंखे जो झुक जाती है
शुक्र है.. बेवफा इतनी तो शरम बाकी है ..
तुने तोडी हर कसम फिरभी जान नही निकली
'तुझपे मर जाऊ मै' शायद ये कसम बाकी है ..
आजकल मिलते है ऐसे भी दिल विशाल कहा
हममे वो है बाकी .. उसमेभी हम बाकी है ...
--- विशाल