Tuesday, March 12, 2013

वहा नादान बैठे वो , यहा कुर्बान होते हम ,
यहा हम जख्म खाते है .. वहा वो मुस्कुराते है ..
--- विशाल
समझनाही अगर होता तो क्यू आंसू बहे  होते,
दिलकी मुश्किल यंही है  के समझनाही नही  चाहता ...
--- विशाल