Thursday, May 24, 2012

दिल आज शायर है..


दिल आज शायर है गम आज नगमा है शब् ये गजल है सनम 
गैरोके शेरोको ओ सुननेवाले हो इस तरफभी करम 

आके जरा देख तो तेरी खातिर हम किस तरहसे जिए 
आसुके धागेसे सीते रहे हम जो जख्म तुने दिए 
चाहतकी महफिलमे गम तेरा लेकर किस्मतसे खेला जुआ 
दुनियासे जीते पर तुजसे हारे यु खेल अपना हुआ 

है प्यार हमने किया जिस तरहसे उसका न कोई जवाब 
जर्रा थे लेकिन तेरी लौ में जलकर हम बन गए आफताब 
हमसेही जिन्दा वफ़ा और हमीसे है तेरी महफ़िल जवां
हम जब न होंगे तो रो रोके दुनिया ढूंढेगी मेरा निशाँ 

रे प्यार कोई खिलौना नहीं है हर कोई ले जो खरीद 
मेरी तरह जिंदगीभर तड़प लो फिर आना उसके करीब 
हम तो मुसाफिर है कोई सफ़र हो हम तो गुजर जायेंगेही 
लेकिन लगाया है जो दाव हमने वो जीतकर आयेंगेही 
---  Gamblar 1971 (गीतकार: नीरज )


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